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मां का दूध नहीं पी रहा था नवजात शिशु तो टेस्ट से निकला ब्लड कैंसर

YES SHARMA

DCG NEWS :- दुर्ग जिले के एक गांव में पैदा हुए नवजात की ब्लड रिपोर्ट ने छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल आंबेडकर में नवजात को ब्लड कैंसर की पुष्टि हुई है नवजात को वो बीमारी थी, जो दस लाख में से किसी एक बच्चे को होती है हाल ही में छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल आंबेडकर में नवजात को ब्लड कैंसर की पुष्टि हुई है.

DCG NEWS :- नवजात को ल्यूकेमिया है. ये एक से दस साल के बच्चे में देखने को मिलता है. लेकिन नवजात में इस बीमारी को पहली बार देखा गया. जब डॉक्टर्स ने बच्चे की ब्लड रिपोर्ट देखी तो पहले उन्हें यकीन ही नहीं हुआ. लेकिन कन्फर्म हो जाने के बाद बच्चे को कैंसर विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया. अब बच्चे को कीमोथेरेपी और रेडिएशन दिया जा रहा है.

माँ ने समय से पहुंची अस्पताल

DCG NEWS :- जानकारी के मुताबिक़, बच्चे को दुर्ग से लाया गया है. बच्चे का जन्म दुर्ग के एक गांव में हुआ था. बच्चा जन्म के बाद से मां का दूध नहीं पी रहा था. इस बात से मां को थोड़ा अजीब लगा. उसने अपने पति को इसकी जानकारी दी. जब बच्चे का सीबीसी टेस्ट करवाया गया, तो देखा गया कि नवजात की बॉडी में एक लाख व्हाइट ब्लड सेल्स थे. जबकि एक नॉर्मल बच्चे के शरीर में इसकी संख्या बारह से अट्ठारह हजार होती है. बायोप्सी में भी कैंसर की पुष्टि हो गई. इसके बाद बच्चे का इलाज शुरू हुआ.

DCG NEWS :- ब्लड कैंसर, जिसे रक्त कैंसर भी कहा जाता है, एक प्रकार का कैंसर है जो रक्त, अस्थि मज्जा (Bone Marrow) और लसिका प्रणाली (Lymphatic System) को प्रभावित करता है। इसमें कैंसर कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और सामान्य रक्त कोशिकाओं के कार्य को बाधित करती हैं। ब्लड कैंसर मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है:ल्यूकेमिया (Leukemia): यह अस्थि मज्जा में शुरू होता है और असामान्य श्वेत रक्त कोशिकाओं की अत्यधिक मात्रा में वृद्धि होती है।लिंफोमा (Lymphoma): यह कैंसर लसिका प्रणाली में होता है, जिसमें लसिका कोशिकाएं (Lymphocytes) असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं।मायलोमा (Myeloma): यह कैंसर प्लाज्मा कोशिकाओं (Plasma Cells) में होता है, जो अस्थि मज्जा में पाए जाते हैं और एंटीबॉडी बनाने का कार्य करते हैं।
ब्लड कैंसर के लक्षणों में कमजोरी, थकान, बुखार, असामान्य रक्तस्राव, वजन कम होना, और हड्डियों में दर्द शामिल हो सकते हैं। इसका इलाज कीमोथेरापी, रेडिएशन थेरेपी, और अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण के माध्यम से किया जाता है।

DCG NEWS:- ब्लड कैंसर से बचाव के लिए कोई निश्चित तरीका नहीं है, क्योंकि इसका सही कारण अभी तक पूरी तरह से ज्ञात नहीं है। हालांकि, कुछ कदम उठाए जा सकते हैं जो इसके जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं

जीवनशैली: एक स्वस्थ आहार, नियमित
व्यायाम, और पर्याप्त नींद लेना इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जो कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है।

तम्बाकू और शराब से बचें: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन ब्लड कैंसर सहित अन्य कई प्रकार के कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है।परिवारिक इतिहास की जानकारी: अगर परिवार में किसी को ब्लड कैंसर हुआ हो, तो नियमित रूप से चिकित्सा जांच कराते रहें। इससे जल्दी पहचान और समय पर इलाज संभव हो सकता है।

वायरल संक्रमण से बचाव: कुछ वायरस, जैसे एचटीएलवी-1 (HTLV-1) और एचआईवी (HIV), ब्लड कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इनसे बचने के लिए आवश्यक सावधानियां बरतें।हालांकि इन उपायों से ब्लड कैंसर के जोखिम को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन यह इसके जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। नियमित स्वास्थ्य जांच और किसी भी असामान्य लक्षण के बारे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना भी महत्वपूर्ण है।

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