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नवाचार, रोजगार और स्थिरता में योगदान: बायोई3 नीति की विशेषताएँ

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नवाचार, रोजगार और स्थिरता में योगदान: बायोई3 नीति की विशेषताएँ

सार

DCG NEWS :- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत बायोई3 नीति (अर्थव्यवस्था, रोजगार, और पर्यावरण के लिए जैव-प्रौद्योगिकी) के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह नीति भारत को वैश्विक जैव-प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनाएगी और देश की जैव-अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ावा देगी।

DCG NEWS :- यह नीति जलवायु परिवर्तन, घटते गैर-नवीकरणीय संसाधनों जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार की गई है, और इसका उद्देश्य टिकाऊ जैव-आधारित मॉडल को बढ़ावा देना, रोजगार सृजन करना, और “मेक इन इंडिया” पहल को समर्थन देना है। डॉ. सिंह ने बताया कि इस नीति के तहत जैव-आधारित रसायन, स्मार्ट प्रोटीन, सटीक जैव चिकित्सा, और कार्बन बंदीकरण जैसे क्षेत्रों में उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा, अत्याधुनिक जैव विनिर्माण केंद्र और बायो-एआई हब की स्थापना की जाएगी, जो नई तकनीकों और नवाचारों को बढ़ावा देंगे।

DCG NEWS :- डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि इस नीति से दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, जिससे स्थानीय आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा। अंत में, उन्होंने इस नीति को “विकसित भारत” के दृष्टिकोण के अनुरूप एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

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पूरी जानकारी

DCG NEWS :- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई जैव-अर्थव्यवस्था नीति के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह नीति भारत को वैश्विक जैव-प्रौद्योगिकी लीडर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत बायोई3 नीति (अर्थव्यवस्था, रोजगार, और पर्यावरण के लिए जैव-प्रौद्योगिकी) का उद्देश्य विनिर्माण क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाना है।

DCG NEWS :- डॉ. सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह नीति नवाचार, अर्थव्यवस्था, रोजगार, और पर्यावरण को मजबूत करने का वादा करती है। इस नीति के तहत जैव-आधारित रसायनों, स्मार्ट प्रोटीन, सटीक जैव चिकित्सा, जलवायु-सक्षम कृषि, और कार्बन बंदीकरण जैसे क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही, अत्याधुनिक जैव विनिर्माण सुविधाओं, बायो-फाउंड्री क्लस्टर, और जैव-एआई हब की स्थापना की जाएगी।

DCG NEWS :- बायोई3 नीति का मुख्य उद्देश्य है टिकाऊ जैव-आधारित मॉडल की ओर रसायन-आधारित उद्योगों को स्थानांतरित करना और शून्य कार्बन उत्सर्जन को बढ़ावा देना। इसके तहत रोजगार सृजन पर विशेष जोर दिया गया है, खासकर दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में, जहां जैव विनिर्माण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

DCG NEWS :- यह नीति एमआरएनए-आधारित टीकों और प्रोटीन जैसे उत्पादों के बड़े पैमाने पर उत्पादन को भी महत्वपूर्ण बनाएगी और जैव-एआई केंद्रों के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देगी, जिससे नई वंशाणु उपचार और खाद्य प्रसंस्करण समाधान सामने आएंगे।

DCG NEWS :- डॉ. सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि यह नीति न केवल भारत की आर्थिक प्रगति को तेज करेगी बल्कि देश को चौथी औद्योगिक क्रांति में एक वैश्विक लीडर के रूप में भी स्थापित करेगी।

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