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बिलासपुर में टीकाकरण के बाद 2 बच्चों की मौत, जांच टीम का विरोध

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बिलासपुर में टीकाकरण के बाद 2 बच्चों की मौत, जांच टीम का विरोध

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सार

DCG NEWS :- बिलासपुर के कोटा क्षेत्र में टीकाकरण के बाद दो बच्चों की मौत के मामले ने ग्रामीणों में आक्रोश पैदा कर दिया। घटना की जांच के लिए पहुंची मेडिकल टीम को परिजनों और ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा, जिससे टीम को गांव से बाहर खदेड़ दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि टीका लगने से पहले बच्चे पूरी तरह स्वस्थ थे, लेकिन टीकाकरण के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बाकी पांच बच्चों को ऑब्जर्वेशन में रखा, जबकि ग्रामीणों ने जांच टीम से किसी भी तरह की चर्चा करने से इनकार कर दिया।

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DCG NEWS :- बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के कोटा क्षेत्र में टीकाकरण के बाद दो बच्चों की मौत के मामले ने गांव में हड़कंप मचा दिया है। इस घटना के बाद जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को स्थानीय ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। कोरीपारा गांव के निवासियों ने टीम को गांव से बाहर खदेड़ दिया, उनका कहना था कि टीका लगने से पहले बच्चे पूरी तरह स्वस्थ थे, लेकिन टीका लगने के बाद उनकी मौत हो गई।

DCG NEWS :- इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तेजी से कार्रवाई करते हुए बाकी के पांच बच्चों को ऑब्जर्वेशन के लिए कोटा सीएचसी में भर्ती कराया। शुक्रवार को गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में 7 बच्चों को बीसीजी और पेंटा वन का टीका लगाया गया था, जिसमें से एक 2 माह का बच्चा और एक 3 दिन की नवजात बच्ची की मौत हो गई।

DCG NEWS :- घटना की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर और राज्यस्तरीय टीकाकरण अधिकारी समेत पांच सदस्यीय जांच दल सोमवार को गांव पहुंचा। जैसे ही टीम ने मामले की जांच शुरू की, ग्रामीण एकजुट हो गए और अधिकारियों से सवाल करने लगे।

DCG NEWS :- ग्रामीणों का कहना था कि बच्चे टीकाकरण से पहले पूरी तरह स्वस्थ थे, लेकिन टीका लगने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और अंततः उनकी मौत हो गई। परिजनों ने नाराजगी जताई कि जब उनके बच्चे की हालत खराब हो रही थी, तब अस्पताल में कोई सहायता नहीं मिली, और अब बार-बार आकर उन्हें परेशान किया जा रहा है।

DCG NEWS :- ग्रामीणों के आक्रोश और विरोध के चलते जांच टीम को वापस लौटना पड़ा, और अभी तक इस मामले में कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। घटना के बाद से गांव में दहशत और नाराजगी का माहौल है, और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग उठाई जा रही है।

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