तोते और अन्य वन्य पक्षियों की घरों में पालने पर छत्तीसगढ़ में नई रोक
सार
छत्तीसगढ़ में तोता और अन्य वन्य पक्षियों की अवैध खरीदी, बिक्री और पालन पर अब कानूनी प्रतिबंध लगा दिया गया है। मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख द्वारा जारी आदेश के तहत, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अनुसार, इन पक्षियों का घरों में पालन अब अपराध माना जाएगा। यदि किसी के घर में ऐसे पक्षी पाए जाते हैं, तो उन्हें तय समय सीमा के भीतर वन विभाग को सौंपना अनिवार्य होगा। आदेश का पालन न करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जेल की सजा भी शामिल हो सकती है। अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800-233-7000 पर संपर्क किया जा सकता है।
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पूरी जानकारी
DCG NEWS :- छत्तीसगढ़ सरकार ने वन्य पक्षियों, विशेषकर तोते, की अवैध खरीद, बिक्री और घरों में पालने पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख द्वारा जारी नए आदेश के अनुसार, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अब इन पक्षियों को घर में रखना अपराध माना जाएगा।
DCG NEWS :- यह सख्त निर्देश उन बढ़ती शिकायतों के बाद जारी किया गया है, जिनमें राज्य में तोते और अन्य वन्य पक्षियों की धड़ल्ले से हो रही बिक्री की रिपोर्ट्स मिली थीं। नए कानून के तहत, यदि किसी के घर में तोता या कोई अन्य वन्य पक्षी पाया जाता है, तो उन्हें निश्चित समय सीमा के भीतर वन विभाग को सौंपना अनिवार्य होगा।
DCG NEWS :- यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का पालन नहीं करता है, तो वन विभाग के अधिकारी उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान है। इस आदेश के प्रभावी पालन के लिए राज्यभर में विशेष टीमें बनाई जा रही हैं।
अधिक जानकारी या सहायता के लिए, लोग टोल-फ्री नंबर 1800-233-7000 पर संपर्क कर सकते हैं।
DCG NEWS :- यह कदम न केवल वन्य जीवन संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि वन्य पक्षियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए भी आवश्यक है। इस प्रतिबंध का उद्देश्य पक्षियों को उनके प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रखना और उनके शोषण को रोकना है।
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